• श्रीलंका में पीएम मोदी का शानदार स्वागत, दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार को कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर भव्य औपचारिक स्वागत किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने द्वीप राष्ट्र की उनकी राजकीय यात्रा के दौरान उनकी मेजबानी की

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

    कोलंबो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार को कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर भव्य औपचारिक स्वागत किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने द्वीप राष्ट्र की उनकी राजकीय यात्रा के दौरान उनकी मेजबानी की।

    स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या और दिसानायके के मंत्रिमंडल के प्रमुख सदस्य उपस्थित थे।

    यह 2014 के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की चौथी श्रीलंका यात्रा है। राष्ट्रपति दिसानायके के पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली यात्रा है।

    प्रधानमंत्री मोदी छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद शुक्रवार देर शाम बैंकॉक से कोलंबो पहुंचे। पिछले साल दिसंबर में अपनी पहली आधिकारिक भारत दौरे के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उन्हें इस यात्रा का निमंत्रण दिया था।

    एयरपोर्ट पर भारी बारिश के बावजूद, सैकड़ों श्रीलंकाई और प्रवासी भारतीय सड़कों पर खड़े थे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करने के लिए श्रीलंका सरकार के शीर्ष मंत्रियों उपस्थित थे जिनमें विदेश मंत्री विजिता हेराथ भी शामिल थे।

    विमान उतरने के कुछ देर बाद ही प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, 'कोलंबो पहुंच गया हूं। हवाई अड्डे पर मेरा स्वागत करने वाले मंत्रियों और गणमान्य व्यक्तियों का आभारी हूं। श्रीलंका में होने वाले कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं।"

    एक अन्य ट्वीट में पीएम मोदी ने कहा, "कोलंबो में भारतीय समुदाय की ओर से किए गए शानदार स्वागत में बारिश भी बाधा नहीं बनी। मैं उनकी गर्मजोशी और उत्साह से बहुत प्रभावित हुआ। उनका आभारी हूं!"

    श्रीलंका पिछले दिसंबर में दिसानायके की भारत की राजकीय यात्रा को नई दिल्ली के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों में एक 'महत्वपूर्ण क्षण' मानता है।

    प्रधानमंत्री मोदी अब पहले नेता हैं जिनकी मेजबानी राष्ट्रपति दिसानायके ने की।

    यात्रा से पहले विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने भारत-श्रीलंका साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "भारत-श्रीलंका रिश्ता साझा इतिहास, धर्म, संस्कृति और लोगों के बीच मजबूत संपर्क में गहराई से निहित हैं। आधुनिक युग में, यह एक करीबी आर्थिक, सांस्कृतिक और तकनीकी साझेदारी में विकसित हुआ है। श्रीलंका हमारी 'पड़ोसी पहले' नीति का एक अभिन्न अंग है और आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित यह रिश्ता समय की कसौटी पर खरा उतरा है।"

    Share:

    facebook
    twitter
    google plus

बड़ी ख़बरें

अपनी राय दें